सोने का अंडा लालची किसान की कहानी

सोने का अंडा लालची किसान की कहानी

सोने का अंडा लालची किसान की कहानी 

किसी छोटे से गांव में एक गरीब किसान अपने परिवार के साथ रहा करता था। वह दिनभर खेत में काम करता था, लेकिन परिवार में सदस्यों की संख्या ज्यादा होने के कारण उसके लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा था। अपनी इस लाचारी को देखते हुए किसान हमेशा दुखी रहता और पैसा कमाने के नए – नए तरीकों के बारे सोचता रहता।

उसकी इस हालत को देखते हुए उसके एक दोस्त ने उसे खेती के साथ मुर्गी पालने का सुझाव दिया उसके दोस्त ने कहा कि अगर तुम खेती के साथ साथ मुर्गी के अंडे बेचोगे , तो तुम्हारी कमाई अच्छी होगी । इससे तुम अपने परिवार को भरपेट खाना खिला पाओगे।

यह सुनकर किसान खुश तो हुआ, लेकिन बोला कि भाई मेरे पास तो मुर्गी खरीदने के भी पैसे नहीं हैं। ऐसे में मैं क्या खाक मुर्गी के अंडे बेचूंगा। किसान की यह बात सुन उसका दोस्त बोला , भाई इतना भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। सोने का अंडा लालची किसान की कहानी

थोड़े पैसे मुझ से ले लो और दो – चार मुर्गी खरीद लो। बाद में जब पैसे आ जाएं , तो मुझे मेरे पैसे लौटा देना। उसकी यह बात सुनकर किसान राजी हो गया और कुछ पैसे दोस्त से ले लिए। अगले दिन किसान पैसे लेकर बाजार की ओर निकल पड़ा। वहां जाकर उसने पांच से छह मुर्गियां खरीद लीं।

बाकी , जो पैसे बचे उनसे मुर्गियों के लिए उसने दाना ले लिया। मुर्गी और दाना लेने के फौरन बाद वह घर की ओर रवाना हो गया। आखिर खेत पर भी तो जाना था।

घर लौटते ही उसने अपनी पत्नी को आवाज लगाई और कहा- सुनती हो, मैं मुर्गियां ले आया हूं। इन्हें ले जाओ और अच्छे से दाना – पानी दे देना। कल से ये जितने भी अंडे देंगी, उन्हें बेचकर थोड़ी कमाई हो जाया करेगी। पत्नी के बाहर आते ही वह मुर्गियां और दाने उसके हाथ में थमाकर खेत की ओर चला गया।

दिनभर खेत पर काम करने के बाद जब किसान वापस लौटा, तो अपनी पत्नी को देखकर हैरान हो गया। उसकी पत्नी ने मैले कुचैले कपड़ों की जगह नई चमकदार रेशमी साड़ी पहने हुए थी। हा थों में सोने की चूड़ियां और गले में मोतियों का हार था।

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यह सब देख उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक उसकी पत्नी के हाथ ऐसा कौन – सा खजाना लग गया , जिससे उसने नए – नए कपड़े खरीद लिए । उसने अपनी पत्नी से पूछा यह सब क्या है ? कैसे और कहां से आया यह सब ? पत्नी मुस्कुरा कर बोली , बस यूं समझ लो ईश्वर की कृपा हो गई है।

किसान फिर बोला , अरे ! बताओ तो सही , ऐसा कैसे हो गया? पत्नी बोली आप जो मुर्गियां लाए थे, उसमें से एक मुर्गी ने सोने का अंडा दिया था।

यह सुनते ही किसान एक दम से उछल पड़ता है और कहता है, क्या सच कह रही हो। पत्नी कहती है , हां सच में तभी तो यह सब आया और पति के हाथ में रुपयों से भरी थैली थमा देती है।

सोने के अंडे के बारे में जानकर किसान खुश तो बहुत होता है, लेकिन तसल्ली के लिए सब कुछ अपनी आंखों से देखना चाहता है। इसके लिए वह सुबह तड़के ही मुर्गियों के पास बैठ जाता है, तभी उनमें से एक मुर्गी सोने का अंडा देती है।

सोने का अंडा देख, वह खुशी से फूला नहीं समाता है। उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता है। वह अंडे को हाथ में उठाता है और अपनी पत्नी को आवाज लगाता है। पत्नी के आते ही वह कहता है, अब हम गरीब नहीं रहे। हम दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन जाएंगे।

किसान की यह बात सुनकर पत्नी कहती है कि पागल हो गए हो क्या ? एक अंडे से कोई दुनिया का अमीर आदमी कैसे बन सकता है, लोगों के पास तो पता नहीं कितना- कितना सोना पड़ा है। पत्नी के इस तंज पर किसान कहता है।

सोचो जब यह मुर्गी सोने का अंडा देती है, तो क्यों न एक साथ इसके पेट में मौजूद सारे अंडे निकाल लिए जाएं। पत्नी थोड़ा सोचती है, फिर उसे पति की बात जच जाती है। वह भागकर एक तेज धार वाला चाकू ले आती है।

किसान पत्नी के हाथों से चाकू लेकर एक झटके में मुर्गी का पेट चीर देता है। मुर्गी का पेट फटते ही मुर्गी मर जाती है और किसान के हाथ एक भी अंडा नहीं लगता। यह देख किसान और उसकी पत्नी को अपने किए पर बहुत पछतावा होता है।

कहानी से सीख- सोने का अंडा लालची किसान कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि किसी भी मनुष्य को जितना है, उतने में ही संतोष करना चाहिए। लालच कभी भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि लालच बुरी बला है।

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