विज्ञान वरदान या अभिशाप
दोस्तों आज मुख्य सवाल ये है कि विज्ञान वरदान या अभिशाप ये जानने के लिए हमें विज्ञान को समझना पड़ेगा।
भूमिका- आज के युग में विज्ञान के बिना रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन लगता है। आज मनुष्य के जीवन में जितनी भी गतिविधियां हो रही हैं, वो सब विज्ञान की ही देन हैं। बिना विज्ञान की सहायता के जीवन जीना असंभव लगता है। आज विज्ञान की वजह से ही आकाश की ऊंचाइयों से लेकर पृथ्वी की गहराई को नापना संभव हो पाया है। विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन पूरी तरह बदल गया है मनुष्य पहले के जमाने में गुफांओं में रहता था। अपनी भूख मिटाने के लिए जानवरों को मारकर उनका कच्चा मांस खाता था, लेकिन मनुष्य का सबसे पहला अविष्कार आग जलाना सीखकर मांस को भूनकर खाना था। उसके बाद मनुष्य अविष्कार पर अविष्कार करता ही गया वह रुका नहीं और आगे बढ़ता ही चला गया। विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन पूरी तरह बदल गया। विज्ञान की ही देन है कि वह आज इतनी ऊंचाइयों पर पहुँच पाया हैं।
विज्ञान का अर्थ- विज्ञान का अर्थ है विशिष्ट + ज्ञान यानि किसी वस्तु या विषय के बारे में विशेष और व्यवस्थित ज्ञान होना ही विज्ञानं कहलाता है। जब किसी के पास विशेष ज्ञान होता है तभी व्यवस्थित काम होते हैं। जीवन का प्रत्येक क्षेत्र चाहे वह धर्म हो, राजनीती हो या शिक्षा सभी विज्ञानं के अविष्कार से परिपूर्ण है। आज तक जो भी तरह – तरह के अविष्कार और खोज हुई वे सब विज्ञान के ही परिणाम थे।
विज्ञान वरदान के रूप में- विज्ञान की वजह से आज हमारा जीवन सुखमय हो गया है। विज्ञान ने मानव जीवन को सरल और सुखमय बनाने के लिए बहुत से अविष्कार किये हैं। खेती के लिए ट्रैक्टर जैसी मशीन तो घरेलू काम के लिए फ्रिज वाशिंग मशीन आदि चीजें विज्ञान की देन है।
पहले लोग पेड़ पौधों की पत्तियों और जानवरों की खाल से अपने शरीर को ढकते थे, लकिन आज के समय में मनुष्य के पास मौसम के अनुकूल कपड़े हैं। पहले लोग प्लेग, मलेरिया, टी.वी. हैजा जैसी बिमारियों की चपेट में आकर मर जाते थे, लकिन आज विज्ञान की वजह से ही मनुष्य ने बिमारियों को अपने नियंत्रण में कर लिया है।
विज्ञान का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में- आज के समय में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ पर विज्ञान का प्रयोग नहीं होता है। मनुष्य के जीवन में विज्ञान एक ऐसा वरदान है, जिसका प्रयोग करके वह अपना जीवन आरामदायक बनाता है।
1.दूर संचार के क्षेत्र में – विज्ञान की वजह से टी0वी0, रेडियो, टेलीफोन , ई-मेल, मोबाईल आदि का अविष्कार हुआ है जिनका प्रयोग करके आज के जमाने में कोई भी खबर एक ही पल में एक जगह से दूसरी जगह पहुँच जाती है। जितने भी कृत्रिम उपग्रह हैं उन्होंने इस दिशा में और अधिक सफलता प्राप्त की है।
2.यातायात के क्षेत्र में- पहले समय में लोगों को थोड़ी दूरी तय करने में भी बहुत ज्यादा वक्त लग जाता था, लेकिन आज विज्ञान की ही देन है कि आपको विदेश जानें में भी बहुत कम समय लगता है। विज्ञान ने मानव को हवाई-जहाज, पानी का जहाज, ट्रेन, कार, बस आदि यातायात के साधन दिए हैं।
3.दैनिक जीवन में- विज्ञान की ही देन है कि आज मनुष्य दैनिक कार्यों को सरल तरीके से कर पाता है जैसे- कपडे धोना, मसाला पीसना, गर्मी में सर्दी तो सर्दी में गर्मी महसूस करना। विज्ञान की वजह से ही सर्दी और गर्मी दोनों से ही हमारी रक्षा होती है।
4. चिकित्सा क्षेत्र में- आज मनुष्य भयानक और घातक बीमारी से ग्रस्त होने के बाद भी मौत के मुँह से बच जाता है। इसका श्रेय भी विज्ञान को जाता है। विज्ञान की ही देन है कि अल्ट्रा साउंड, सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी आदि द्वारा मनुष्य की बड़ी से बड़ी बीमारी का पता चल जाता है। विज्ञान के कारण ही आज अंधे लोग देख पा रहे है, और बहरे लोग सुन पा रहे है।
5.कृषि कार्य में- हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है। आज कल कृषि क्षेत्र में और वृद्धि के लिए विज्ञान ने किसान को उत्तम बीज, रसायनिक खाद, फसल को कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक, फसल की सिचाई केलिए बिजली दी है, जिसकी वजह से कृषि कार्य आसान हो गया है।
6.क्षिक्षा के क्षेत्र में- विज्ञान की वजह से ही क्षिक्षा के क्षेत्र में मुद्रण यंत्रों की सहायता से पुस्तकों को छापना आसान हो गया है और आज विज्ञान की ही देन कि कोरोना काल में भी बच्चे इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन क्षिक्षा प्राप्त किये। इतने कठिन हालातों में भी बच्चों की शिक्षा बंद नहीं हुयी।
विज्ञान अभिशाप के रूप में- विज्ञान हमारे लिए तभी तक वरदान है जब तक हम इसके विनाशकारी रूप बम, मिसाइल, तोप आदि दुखद रूपों से बच कर रहेंगे। विज्ञान का एक रूप वरदान है तो दूसरा अभिशाप भी है क्योंकि विज्ञान की वजह से बम, मिसाइल आदि के कारण प्रदूषण में वृद्धि हुई है जिससे वायु मंडल की ओजोन परत काफी प्रभावित हो रही है। आज विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन अधिक खतरों से भर गया है, क्योंकि मशीनों ने एक तरफ मनुष्य को सुख साधन उपलब्ध करायें हैं तो दूसरी तरफ उसके रोजगार भी छीन लिए हैं पहले गरीब लोग सड़क बनाने के लिए, बड़ी – बड़ी बिल्डिंग बनाने के लिए मेहनत करते थे उनको रोजगार मिलता था वहीँ आज विज्ञान की देन है कि ऐसी मशीनें हैं जो सौ लोगों का काम एक मशीन एक घंटे में कर देती है। बिजली विज्ञान की देन है लकिन बिजली का एक झटका लगने मात्र से ही मनुष्य की मौत हो जाती है। मानव जीवन में मशीनों के वजह से आज मानव आलसी बन गया है जिससे उसकी शारीरिक शक्ति ख़त्म होती जा रही है और वह बिमारियों को निमंत्रण दे रहा है। इसी वजह से नए – नए रोग उत्पन्न हो रहे हैं यहाँ तक कि मनुष्य में सर्दी व गर्मी सहने की भी शक्ति कम होती जा रही है।
उपसंहार- आज विज्ञान ने हमें विभिन्न प्रकार के सुख सुविधाएँ दी हैं। यह वास्तव में मनुष्य द्वारा उत्पन्न किया गया मनुष्य के लिए महावरदान है। भविष्य में यह हमारे लिए वरदान ही बना रहे इसके लिए हमें इसके कल्याणकारी रूप को ही प्रयोग में लाना है, जहाँ हम इसके विनाशकारी और विध्वंसक रूप का प्रयोग करेंगे वहीं यह विज्ञान हमें विनाश की ओर धकेल देगा। विज्ञान एक तलवार की तरह है जिससे आत्मरक्षा की जा सकती है लेकिन उसी तलवार से किसी की जान भी ली जा सकती है। इसमें तलवार का दोष नहीं, तलवार का प्रयोग करने वाले का दोष है। इस लिए विज्ञान को सिर्फ मानव कल्याण के लिए प्रयोग किया जाये ना कि मानव विनाश के लिए।
दोस्तों ! मुझे उम्मीद है कि आपको विज्ञान वरदान या अभिशाप पसंद आया होगा धन्यवाद ।
This essay has been written very well. Have done your best.
Good
So good
Fantastic full of knowledge.