लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी (Biography of Sardar Vallabhbhai Patel)

लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी (Biography of Sardar Vallabhbhai Patel)

भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार पटेल 565 रियासतों के विलय के लिए जाने जाते हैं । सरदार पटेल भारत के पहले उप – प्रधानमंत्री और पहले गृहमंत्री थे । हिन्दुस्तान को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल की पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में मcहत्वपूर्ण भूमिका रही । यही कारण है कि वल्लभभाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस ( National Unity Day ) के तौर पर मनाया जाता है । पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था ।             

सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म और आरंभिक जीवन-

 सरदार वल्लभभाई पटेल 31 अक्टूबर , साल 1875 में गुजरात के नडियाड में एक जमींदार परिवार में पैदा हुए थे । वे अपने पिता झवेरभाई पटेल और माता लाड़बाई के चौथे बेटे थे । उनके पिता एक किसान थे , जबकि उनकी माता एक आध्यात्मिक और धर्मपरायण महिला थी । आपको बता दें कि उनके तीन बड़े भाई नरसीभाई , विट्टलभाई और सोमाभाई पटेल और एक बहन थी जिसका नाम दहीबा पटेल था।       

सरदार वल्लभ भाई पटेल की शिक्षा एवं विवाह –

वल्लभभाई पटेल ने अपनी शुरुआती शिक्षा एक गुजराती मीडियम स्कूल में की थी , इसके बाद उन्हें इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन ले लिया था। उन्हें अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में काफी वक्त लगा था । साल 1897 में 22 साल की उम्र में उन्होंने अपनी 10 वीं की परीक्षा पास की।

परिवार के हालात सही नहीं होने की वजह से उन्होंने कॉलेज जाने की बजाय घर पर रहकर ही उधार की किताबें लेकर पढ़ाई की , इसके साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी की परीक्षा की तैयारी भी घर पर रहकर ही की थी , वहीं सरदार पटेल पढ़ने में इतने होनहार थे कि इस परीक्षा में उन्होंने सबसे ज्यादा अंक हासिल किए थे ।

इसके बाद साल 1910 में वे लॉ की डिग्री हासिल करने के लिए इंग्लैंड चले गए । उन्हें कॉलेज जाने का कोई अनुभव नहीं था , लेकिन वे बुध्दि के इतने तेज थे कि , उन्होंने 36 महीने के लॉ के कोर्स को महज 30 महीने में ही पूरा कर लिया , इस तरह साल 1913 में वल्लभभाई पटेल ने इंस्टिट्यूट ऑफ कोर्ट से अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी की , और इस दौरान उन्होंने  सर्वाधिक अंक पाकर अपने कॉलेज में टॉप किया।       

लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी (Biography of Sardar Vallabhbhai Patel)
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी (Biography of Sardar Vallabhbhai Patel)

 बाल विवाह की प्रथा के तहत वल्लभभाई पटेल की शादी भी महज 16 साल की उम्र में वर्ष 1891 में झावेरबा नामक कन्या से कर दी गई । जिनसे उन्हें दया भाई और मणिबेन पटेल नाम की दो संतानें प्राप्त हुईं ।     

 सरदार पटेल का राजनीतिक सफर –

* सन 1917 में ये पहली बार अहमदाबाद के स्वच्छता आयुक्त के रूप में चुने गए थे। इसके साथ ही उन्होंने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की।

*इसके बाद इन्हें इसी साल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गुजरात विंग गुजरात सभा का सचिव नियुक्त किया गया।

*सन 1920 में उन्हें ‘ गुजरात प्रदेश की कांग्रेस कमेटी ‘ के अध्यक्ष के रूप में चुना गया और वहां उन्होंने सन 1945 तक सेवा दी। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी (Biography of Sardar Vallabhbhai Patel)

*बल्लभ भाई पटेल ने गांधी जी के द्वारा संचा लित असहयोग आंदोलन में भाग लिया और आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए उन्होंने लगातार इस आंदोलन का प्रचार प्रसार किया। फिर इन्होंने कमेटी के अध्यक्ष के रूप में 1945 तक सेवा दी। 

*सन 1924 से 1928 के बीच ये अहमदाबाद में नगर समिति के अध्यक्ष बने थे ।

*1931 में उन्हें कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया।

*सन 1931 में कराची सत्र के दौरान उन्हें कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

*सन 1934 के विधायिकी चुनाव के दौरान सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए प्रचार किया। हालाँकि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा , किन्तु उन्होंने चुनाव के दौरान अपने साथियों की मदद की।     

पटेल जी का निधन –

सन1950 से सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का स्वास्थ्य खराब रहने लगा। 15 दिसंबर 1950 में हार्टअटैक के कारण सरदार वल्लभभाई पटेल की मृत्यु हो गई।

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सरदार वल्लभभाई पटेल को सम्मान-

 साल 1991 में मरणोपरांत उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया । वहीं उनके जन्मदिन 31 अक्टूबर को साल 2014 में राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में घोषित कर दिया गया।   

इसके अलावा भारत सरकार के द्धारा 31 ऑक्टूबर 1965 को , सरदार पटेल के स्मारक के रुप में डाक टिकट को भी जारी किया गया । यही नहीं उनके नाम पर कई शिक्षण संस्थान , हॉस्पिटल और हवाईअड्डा का नाम रखा गया। जैसे कि –

• सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय , मेरठ

 ● Sardar Vallabhbhai National Institute of Technology Surat

• सरदार पटेल विश्वविद्यालय , गुजरात

• Sardar Patel Vidyalaya

• सरदार वल्लभभाई पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी , वासद

• स्मारक सरदार पटेल मेमोरियल ट्रस्ट। 

सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक , अहमदाबाद । 

सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचार-

1. जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है , इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।

2. कठिन समय में कायर बहाना ढूंढ़ते हैं बहादुर व्यक्ति रास्ता खोजते हैं।

3. उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये।

4. हमें अपमान सहना सीखना चाहिए।

5. बोलने में मर्यादा मत छोड़ना , गालियाँ देना तो कायरों का काम है।

6. शत्रु का लोहा भले ही गर्म हो जाये , पर हथौड़ा तो ठंडा रहकर ही काम दे सकता है आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है ।

इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये , और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये । यहाँ तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत गवां दें । और हमारा जीवन बलिदान हो जाए , हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए।

दोस्तों आपको यह आर्टिकल  लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी (Biography of Sardar Vallabhbhai Patel) कैसा लगा अपने सुझाव कमेंट बॉक्स में अवश्य दें। इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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